व्यक्ति से समष्टि तक को है शांति की आवश्यकता - ब्रह्मचारी गिरीश जी
26/09/2023 12:52:11 PM administrator
आज मनुष्य को सबसे पहले अपनी आत्मा से मित्रता करने की आवश्यकता है। क्योंकि आत्मा मानव जीवन की मूल है और मूल के बिना एक पौधा या वृक्ष बहुत समय तक जीवित नहीं रह सकता । हमारी जड़े होती हैं, हमारी आध्यात्मिक चेतना । उसकी जागृति के बिना जीवन का वास्तविक आनंद प्राप्त करना असंभव है। चेतना की सात अवस्थाओं में सबसे महत्वपूर्ण होती है, भावातीत चेतना । सामान्य मनुष्य आज के समय में दैनिक जीवन के अनेक कार्य एक साथ करने में समर्थ नहीं रहता, लेकिन भावातीत ध्यान कुछ मिनटों में व्यक्ति को बहुत कुछ प्रदान करता है। परम पूज्य महर्षि महेश योगी जी ने कभी भी केवल स्थान, प्रदेश, देश की बात नहीं बल्कि विश्व शांति और कल्याण की बात की है। देश काल की सीमाओं से परे जाकर महर्षि जी ने मानव कल्याण के लिए विश्व परिवार को प्रेरित किया है। महर्षि जी के इस विचार को आगे ले जाने के लिए ही हमने महर्षि विश्व शांति आंदोलन की स्थापना की जिसका उद्देश्य विश्व भर के मानवों के जीवन को त्रुटि रहित, समस्या रहित नहीं बल्कि समस्या विहीन करना है।
तीन प्रकार की शांति में आध्यात्मिक, आधिदैविक और आधिभौतिक शांति होती है, पर हम सबसे पहले भौतिकता में शांति को खोजते हैं । उक्त उदगार महर्षि शैक्षणिक संस्थान समूह के अध्यक्ष ब्रह्मचारी डॉ. गिरीश जी ने अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस एवं महर्षि इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट के शैक्षणिक सत्र के शुभारम्भ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में पदमश्री डॉ. जनक पलटा मैग्लिगन एवं विशेष अतिथि अन्तरराष्ट्रीय कवि प्रोफेसर राजीव शर्मा एवं डॉ. राजीव दीक्षित डीसीडीसी, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय थे । कार्यक्रम में मुख्य रूप से संस्था के राष्ट्रीय कार्यालय से श्री वी.आर खरे , श्री यू. प्रकाशम, श्री यतीश सक्सेना, श्री मनीष मांडलिक, श्री रामदेव, श्री विपिन, एवं श्रीमती आर्या नंदकुमार उपस्थित रहे । इंदौर महर्षि इंस्टीट्यूट का परिचय संस्था निदेशक डॉ. राकेश चौहान ने दिया । स्वागत उद्बोधन प्राचार्य डॉ. दशरथ सिंह चौहान ने दिया । अतिथि स्वागत विभागध्यक्ष प्रो. शिव यादव ने किया एवं कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर प्रिया आजाद ने किया । आभार प्रदर्शन प्रो. टीना परमार ने किया ।
कार्यक्रम में महर्षि शिक्षा संस्थान इंदौर के महर्षि इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एवं महर्षि विद्या मंदिर की दोनों शाखाओं के प्रमुखों सहित बड़ी संख्या में प्राध्यापक, शिक्षक विद्यार्थी एवं अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे ।
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